नई दिल्ली। आर.एस.एस. नेता और विचारक एस. गुरुमूर्ति ने कहा है कि अगले पांच सालों में 2000 का हजार का नोट बंद हो जाएगा और 500 का नोट सबसे बड़ी करेंसी होगी क्योंकि,सरकार ने नोट बैन के चलते होने वाली कैश की कमी से निपटने के लिए इस बड़े नोट को छापने का फैसला लिया था। गुरुमूर्ति ने नोटबंदी के कदम को वित्तीय पोखरण जैसा करार दिया और कहा कि इससे अर्थव्यवस्था में ऐसे बदलाव की उम्मीद है जो एक उदाहरण बनेगा।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से जमीन जायदाद की कीमतों में गिरावट की शुरुआत होगी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। नोटबंदी को वित्तीय पोखरण बताते हुए गुरुमूर्ति ने कहा कि जब लोगों के पास अधिशेष पैसा होता है तो उनमें ऐसी वस्तुएं खरीदने की इच्छा जागती है जिनकी जरूरत नहीं होती और इस तरह से गैर जिम्मेदाराना व ह्रदयविहीन खर्च को बढ़ावा मिलता है।
उन्होंने कहा, जिस तरह से पोखरण से सोच में बुनियादी बदलाव आया, कौन सोचता था कि अमेरिका, भारत के बारे में सोचेगा अगर हमने परमाणु परीक्षण नहीं किया होता तो वे आपकी तरफ देखते ही नहीं।