केरल। ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मसले पर केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। राज्य सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह इस मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश का अधिकार देने के हक में है।
इसी साल जुलाई में राज्य सरकार के वकील ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल कर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध का समर्थन किया था। लेकिन, सोमवार को उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि अब राज्य सरकार 2007 में दाखिल अपने मूल जवाब के साथ है।
बता दें कि 2007 में केरल की एलडीएफ सरकार ने प्रगतिशील रुख अपनाते हुए इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया था, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सरकार ने इसे पलट दिया था।
यूडीएफ सरकार का कहना था कि वह 10 से 50 साल उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ है क्योंकि इस परंपरा का निर्वाह प्राचीन समय से किया जा रहा है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस आर. भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख अगले साल 13 फरवरी तय कर दी।