नई दिल्ली। सरकार संसद में तीन जीएसटी विधेयकों को उचित चर्चा के बाद पारित कराने की इच्छुक हैं। हालांकि, लोकसभा में आज आयकर संशोधन विधेयक को हंगामे के बीच बिना बहस के पारित कराया गया।
सरकार चाहती है कि इन विधेयकों पर चालू शीतकालीन सत्र में दो सदनों की सहमति से मंजूरी ली जाए जिससे वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी को अगले साल एक अप्रैल से लागू किया जा सके।
सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि आयकर कानून में संशोधन को आज लोकसभा में बिना चर्चा के लिए इसलिए पारित कराया गया क्योंकि ‘कानून और राजनीति’ की वजह से यह अनिवार्य था।
सूत्र ने कहा कि राज्यों के लिए जीएसटी का प्रभाव व्यापक होगा। इसमें राज्यों का राजस्व भी शामिल है। ऐसे में हम जीएसटी विधेयकों को चर्चा के बाद पारित कराना चाहेंगे।
केंद्र और राज्य तीन जीएसटी विधेयकों...सीजीएसटी, आईजीएसटी तथा मुआवजा कानून को अंतिम रूप दे रहे हैं। इन्हें संसद के चालू सत्र में पारित कराया जाना है। संसद का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर तक चलेगा।