नई दिल्ली। ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के अध्यक्ष के.वी. कामत ने आज कहा कि भारत की विकास दर अगले दो साल में दहाई अंक में पहुंच जाएगी और इसमें सबसे बड़ा योगदान वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी का होगा, जिसे 01 जुलाई से लागू किया जाना है।
कामत ने यहां एनडीबी की दूसरी वार्षिक आम बैठक के तीसरे और अंतिम दिन ऊर्जा की जरूरत से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत निश्चित रूप से अगले दो साल में दहाई अंक की विकास दर हासिल कर लेगा।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद शुरूआत में दहाई अंक के विकास दर की बात करने वाले वित्त मंत्री अरुण जेटली भी स्वयं यह कह चुके हैं कि आज की वैश्विक परिस्थिति में किसी भी देश के लिये ऐसा करना मुश्किल है।
कार्यक्रम के बाद कामत ने यूनीवार्ता को बताया कि दहाई अंक की विकास दर हासिल करने में सबसे बड़ा योगदान जीएसटी का होगा। ऊर्जा जरूरत के संबंध में 366 मेगावाट की स्थापित क्षमता और 166 मेगावाट की उच्चतम मांग के मद्देनजर नई उर्जा परियोजनाओं पर पूंजी लगाने के औचित्य के बारे में उन्होंने कहा कि वर्तमान मांग अनुमानित है। इसके अलावा विकास दर बढऩे के साथ ऊर्जा की आवश्यकता भी तेजी से बढ़ेगी।
कामत ने कहा कि जैसे ही विकास दर आठ, नौ या दस प्रतिशत पर पहुंचेगी हर बढ़ते अंक के लिए ऊर्जा की मांग में जबरदस्त तेजी देखी जाएगी।उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में कम से कम अगले दो साल तक किसी ऊर्जा परियोजना के वित्त पोषण की एनडीबी की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य कोयला आधारित या अन्य पारंपरिक स्रोतों की बजाय हरित ऊर्जा में है।