नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि भारत तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के 2008 के बाद पहली बार तेल उत्पादन में कटौती के निर्णय को देखते हुए वैश्विक तेल बाजार पर ‘नजर’ रख रहा है। ओपेक के इस निर्णय तेल कीमतों में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि ओपेक तथा गैर-ओपेक देश एक मंच पर आए हैं जिसे वे बाजार का ‘पुनर्संतुलन’ कह रहे हैं। उन्होंने उत्पादन कम करने का फैसला किया है ताकि बाजार में अत्यधिक आपूर्ति खत्म हो।
प्रधान ने यहां पेट्रोटेक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में कहा कि एक उपभोक्ता के रूप में हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि चीजें उभर रही हैं।
उन्होंने कहा कि जिन देशों ने 18 लाख बैरल प्रतिदन उत्पादन पर सहमति जताई है, उनका विश्व उत्पादन में केवल 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है और शेष 60 प्रतिशत कोटा सीमा से बाहर हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत अपनी कुल तेल जरूरतों का 75 प्रतिशत से अधिक आयात करता है, ऐसे में हम काफी सतर्क रहना है। हमें इंतजार करना है।
प्रधान ने यह भी कहा कि उन्होंने यहां आए ओपेक के महासचिव मोहम्मद सानुसी बारकिंडो के साथ इस मुद्दे को उठाया और कहा कि समूह को उपभोक्ता देशों के हितों का ध्यान रखना चाहिए और बाजार में एकाधिकारात्मक स्थिति नहीं बनानी चाहिए।