City News : दो लाशें सामने थी मैं उनकी जेब तराश रहा था

Samachar Jagat | Tuesday, 31 Jan 2023 04:56:03 PM
City News : Two dead bodies were in front, I was digging their pockets

जयपुर। देखा जाय तो हर नसेड़ियों की कहानी मार्मिक हुवा करती है। बर्बादी की कुंडली में कोई खास अंतर नहीं होता।। यह स्टोरी एक ऐसे युवक की है,जिसने तेरह साल की उम्र में ही चिलम गांजे और स्मैक  की आदत पड़ गई थी। पढ़ाई में कमजोर होने पर पिता ने उसे फैमली बिजनेस पर बिठाना शुरू कर दिया मगर वहां भी इस संगत ने उसका पीछा नहीं छोड़ा । इसका गलत असर हुआ।

असरपडा और  फैमली के पुरखों के द्वारा स्थापित बिजनेस को तबाह कर दिया। यहां उसकी दोस्ती इजराइल के नशे दियो से हो गई। वह जब स्कूल से लौटता तो उनसे हिरोइन खरीद कर, लुख छुप कर पीने लगा। शुरू में इसका नशा सहन नहीं हुआ और कुछ समय के लिए इसका सेवन बंद कर दिया था। मेरी जेब खर्ची के लिए मैने गाइड का काम शुरू कर दिया। यहां उसका काम इन पर्यटकों को अवैध रूप से नशा पदार्थो का विक्रय करने वालों से मिलवाने का होता था। इसमें उसे काफी अच्छी कमाई हो जाती थी। इन लोगों के जरिए वह  रेव पार्टी में भी जाने लगा।वहां देखा की कैसे मुंह पर कागज लगा कर  दूसरी दुनियां में पहुंच जाते है। उस नशे तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। उसकी खुराक बढ़ती रही।

ऐसे में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चोरियान करने लगा था। काफी मात्रा में गंजा लेने के बाद भी उसने आपा नहीं खोया। इसका लाभ यह हूवा की मेरी ये आदत गुप्त ही रही। इन्ही दिनों में एक बार मैं अपने सात साथियों के साथ, कार में सवार हो कर किसी काम से जा रहा था। मैं अपने स्टॉप पर उतर गया। संयोग से कुछ दूरी के बाद ही उनकी कार का एक्सीडेंट होगया। मैं भागता हु वा गाड़ी के पास पहुंचा। मेरे दोस्तो के सिर में गहरी चोट थी। हालत यह थी की एक्सीडेंट वाली जगह खून का तालाब बन गया था।वे अचेत थे। एक बरगी सोचा की दोस्तों की जान बचाने के लिए निकट के हॉस्पिटल ले जाय। साथ ही पुलिस को भी इनफॉर्म कर दे। मगर मेरे सिर पर गांजे का नशा सवार था। ओर मैं अपनी जिम्मेदारी भूल कर उनकी जेबों की तलाशी लेने लगा।

इस करतूत से उसे गांजे की काफी सारी पुड़ियां मिली। साथ ही नगद पैसा मिला। इन सब को निकाल कर  मैंअपने घर लोट कर आराम से सो गया। मुझे होश आया तो पता चला की उसके सभी दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। मेरा मन मुझे धिक्कारने लगा। मगर मुझमें छिपे पापने मुझे सुधार ने का मौका नहीं दिया। मेरी आदते कब तक छिपती। सख्त मिजाज पिता ने मुझे घर से निकाल दिया मेरी समस्या यह थी की कहां सोया जाय। खाने पीने की व्यवस्था ना होने पर मैं निकट के कब्रिस्तान में जाकर लाशों के बीच सोने लगा। यहां उसे भोजन की कोई समस्या नहीं थी। मरने वाले के परिजन अपने दिवंगत साथी रिश्तेदार की कब्र पर हर दिन स्वादिष्ट भोजन रख कर चले जाते थे। नॉन और वेक दोनो के ठाठ थे।

इस बीच वह कई बार पुलिस की पकड़ में आया था। शुरू में उसे परेशानी होती थी मगर इसके बाद पुलिस वालों को उनका हफ्ता पहुंचा कर उनसे दोस्ती करना सिखा दिया। इस फील्ड में मेरा संपर्क जेब कतरे और चैन सीनेचरो से दोस्ती हो गई। मगर इस पेशे को नहीं अपनाया। बारह साल में मुझे हर तीन चार घंटे में नशे का इंजेक्शन लेना पड़ता था। हाथों में जहां छेद हो गए थे। नशे के चलते मेरे शरीर की नशे नीली हो कर कुरूप हो गई। उसने नाक से भी नशा लेने की तरकीब सिखली। मेरी सूंघने की शक्ति खत्म हो गई थी। जीभ भोथरा गई थी।

इस बीच हारे हुवे घर वालो ने मेरी शादी करवादी। मगर मैं अपने आप को नहीं सुधार पाया। मैं एक बच्चे का बाप बन गया तो उसे। घुमाने का बहाना बना कर घर से बाहर निकल जाता था और मंदिर आदि स्थानों पर मासूम बच्चे को वहां अकेला लिटा कर,गांजे के अड्डे पर चला जाता। फिर वापस आकर बच्चे को गोद में लेकर घर आ जाता। इन हालातों में अकेला बच्चा घंटो रोता रहता। कई बार किसी जीव के काट लेने पर उसके शरीर पर घाव हो जाते। मगर मुझे बच्चा नहीं स्मैक और गांजे से अधिक प्रेम था। बस इसी जिंदगी को जीता रहा। आगे भी अपने आप को सुधारने का कोई मोका नहीं दिया।



 

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