जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सड़क हादसों पर गहरी चिता व्यक्त की और हर व्यक्ति की जान को बचाना और सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता बताते हुए इनकी रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा इनसे होने वाली जनहानि रोकने के लिए उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली प्रत्येक मौत विचलित करने वाली होती है। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष दस हजार से अधिक व्यक्तियों की असामयिक मौत होना चिता का विषय है। ऐसे में, हर व्यक्ति की जान को बचाना और सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों और अन्य राज्यों में हुए नवाचारों का उपयोग करते हुए ओवरस्पीडिग, ओवरलोडिग, शराब पीकर वाहन चलाने आदि पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही घटिया हेलमेट की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाए। उन्होंने कहा कि ड्राइविग लाइसेंस पूरे परीक्षण के बाद ही जारी किया जाए। श्री गहलोत ने कहा कि सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन संचालन को सुरक्षित बनाने की दिशा में पहल की जाए। लोगों को नियमों की पालना के लिए जागरूक किया जाए।
श्री गहलोत ने प्रदेशवासियों से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति वाहन चलाते समय नियमों की रूप से पालना करे। यह उनके जीवन की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने अधिकारियोें को निर्देश दिए कि वे सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन और वाहन चालन में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें ताकि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
इस अवसर पर परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने बताया कि राज्य में वर्ष 2021 में 20 हजार 951 सड़क दुर्घटनाओं में 10 हजार 43 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि इनमें से 82 प्रतिशत तेज गति से वाहन चलाने, पांच प्रतिशत गलत दिशा में वाहन चलाने एवं 13 प्रतिशत मौतें नशे एवं मोबाइल फोन के उपयोग सहित अन्य कारणों से हुई हैं।