सिंगापुर। सिंगापुर की एक मस्जिद में जुमे की नमाज में कुतबे धार्मिक प्रवचन के दौरान यहूदियों एवं ईसाइयों के खिलाफ भडक़ाऊ टिप्पणी करने वाले भारतीय इमाम ने बाहर जाने के आदेश पर आज सिंगापुर छोड़ दिया।
धर्म या नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने के आरोप में अपना जुर्म कबूलने के बाद सोमवार को इमाम नल्ला मोहम्मद अब्दुल जमील 46 ने करीब 3,000 डॉलर का जुर्माना भरा था।
इमाम ने पिछले सप्ताह फेडरेशन ऑफ इंडियन मुस्लिम्स के सदस्यों समेत ईसाई, सिख, ताओ धर्म मानने वालों, बौद्ध एवं हिंदुओं के प्रतिनिधियों के समक्ष माफी मांगी और कहा कि अपनी टिप्पणी से लोगों को हुई असुविधा, तनाव और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का उन्हें बेहद ‘‘अफसोस’’ है।
नल्ला ने कल सिंगापुर के गृह एवं कानून मामलों के मंत्री के. षणमुगम से मुलाकात की थी। षणमुगम ने इमाम से कहा था कि सच्ची भावना से मांगी गई उनकी माफी की वह सराहना करते हैं।
गृह मंत्रालय ने तीन अप्रैल को एक बयान में कहा था कि इमाम को स्वदेश वापस भेज दिया जाएगा।
कल इस इमाम ने कहा था कि उन पर मुकदमा चलाए जाने के फैसले को वह पूरी तरह मानते और स्वीकारते हैं और यह पूरा प्रकरण उनके लिए ‘‘अमूल्य सीख’’ है।
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि उनके खिलाफ आरोप ‘‘जानबूझकर नहीं बल्कि विभिन्न धर्मों के बीच सिर्फ सद्भाव की पवित्रता को बनाए रखने के लिए लगाया गया था।’’
‘द स्ट्रेट टाइम्स’ ने नल्ला के हवाले से लिखा, ‘‘यही वो चीज है जिसे मैं नहीं भूलूंगा और हम सभी को निश्चित तौर पर इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।’’