इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने भारत के उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले को आज विदेश मंत्रालय में समन किया तथा भारतीय सेना द्वारा कथित संघर्षविराम उल्लंघन और तोप के उपयोग पर विरोध जताते हुए कहा कि ऐसे हथियारों का इस्तेमाल 13 वर्षों के बाद हुआ है।
विदेश मंत्रालय की ओर से आज शाम जारी विज्ञप्ति के अनुसार, विदेश सचिव एजाज चौधरी ने बम्बावाले को समन किया और ‘‘नियंत्रण रेखा तथा कार्यकारी सीमा पर बिना किसी उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन’’ की निंदा की।
बयान के अनुसार, ‘‘उन्होंने नौ नवंबर, 2016 को नियंत्रण रेखा पर शाहकोट और जूरा सेक्टरों में भारतीय सेना द्वारा तोप का उपयोग किए जाने की निंदा की और कहा कि ऐसे हथियारों का इस्तेमाल 13 वर्षों के बाद किया गया है। उन्होंने कहा इससे तनाव को और बढ़ाने तथा क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के साथ समझौता करने की भारतीय मंशा जाहिर होती है।’’
आगे बयान में बताया गया है कि विदेश सचिव ने कहा कि ‘‘भारतीय पक्ष की ओर से जानबूझकर गांवों और असैन्य आबादी पर की जा रही अंधाधुंध गोलीबारी और गोलाबारी’’ के कारण पिछले दो महीने में 26 असैन्य नागरिकों की मौत हुई है।
इसमेंं कहा गया है कि भारतीय पक्ष की कार्रवाई में 107 लोग घायल हुए हैं।
बयान में कहा गया है कि भारत-पाकिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह यूूएनएमओजीआईपी के पास नियंत्रण रेखा तथा कार्यकारी सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की संयुक्त राष्ट्र से प्राप्त जिम्मेदारी है।
उसमें कहा गया है, ‘‘ऐसे में जब पाकिस्तान यूूएनएमओजीआईपी के साथ पूर्ण सहयोग कर रहा है और उसे पूरी पहुंच दे रहा है, हम भारत से अनुरोध करते हैं कि वह यूूएनएमओजीआईपी को दौरा करने और नियंत्रण रेखा तथा कार्यकारी सीमा का निरीक्षण करने की अनुमति दे।’’
विदेश सचिव ने भारत से अनुरोध किया कि वह नियंत्रण रेखा और कार्यकारी सीमा पर होने वाले ‘‘बिना उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघन’’ की घटनाओंं की जांच करे और 2003 के संघर्षविराम समझौते का पूर्ण रूप से पालन करे।