नई दिल्ली। धार्मिक महत्व के साथ साथ औषधीय गुणों से भरपूर होने के बावजूद किसान जानकारी के अभाव में तिल की व्यावसायिक खेती पर कम ध्यान देते हैं।
तिल में कुछ ऐसे गुण हैं जिनसे यह मधुमेह , ट्यूमर और अल्सर प्रतिरोधक माना जाता है । इसमें माइरिस्टिक अम्ल भी पाया जाता है जो इसे कैंसररोधी बनाता है। तिल के तेल में ट्राइग्लिसराइड्स होने की वजह से इसमें बड़ी मात्रा में लिनोलियेट पाया जाता है जो कैंसररोधी होता है । तिल को ऊर्जा का खजाना भी कहा जाता है क्योंकि सौ ग्राम तिल से 640 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है ।
तिल में मिथियोनिन तथा ट्रिप्टोफेन अमीनो अम्ल भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो यकृत और गुर्दो को स्वस्थ रखने के लिये है । तिल में विटमिन ए , ई , बी कॉम्पलेक्स, कैल्शियम , फॉस्फोरस , आयरन , कॉपर , मैग्नीशियम , भजक तथा पोटाश भी पाया जाता है ।
मध्य प्रदेश के कृषि महाविद्यालय, टीकमगढ के वैज्ञानिक रूद्रसेन भसह और एम पी गुप्ता ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि प्राचीनतम तिलहनी फसलों में से एक , तिल स्वास्थ्यवद्र्धक , पाचक , शक्तिवर्धक और यौवनदायी गुणों से भरपूर है । इसका तेल प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट का अच्छा स्त्रोत है । तिल में दूध से तीन गुना अधिक कैल्शियम पाया जाता है ।
एजेंसी