जयपुर की गांधी नगर डिस्पेंसरी में रोगियों की बढ़ती संख्या और संक्रामक रोगों के तुरंत इलाज के लिए वहां डेवलप लेब विकसित करने की मांग क्षेत्रीय लोगों ने की है। जानकारियों के अनुसार यहां डिस्पेंसरी में जनरल मेडिसन के चार लेडी चिकित्सक है। मगर सूत्र बताते है की यहां महिला रोग चिकित्सक बच्चों का डॉक्टर आर्थोपेडिक स्किन दांतो आदि के कमी खल रही है।
इसके अलावा यहां ब्लड यूरिन सोच आदि की जांच नही होती है। एस्पर डेंगू मलेरिया चिकन मुनिया कोरोना आदि खतरनाक बीमारियों का ठीक से उपचार में पर्रेसनियो का सामना करना पड़ रहा है। यहां दवाओ की भी कमी है। हालत यह है की जुकाम बुखार और खांसी की भी पूरी दवाएं नही मिलती है। जांच के लिए उनको प्राइवेट जांच केंद्रों पर जाना पड़ता है।इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भावनाओं का सम्मान नही हो पाता है।
समाचार जगत पोर्टल की टीम ने गांधीनगर का सर्वे किया था। इनमें वित्त सलाकार शशि जैन बीजू जार्ज A.D.G. पुलिस घनशम शर्मा डिप्टी रजिस्ट्रार राजस्थान हाईकोर्ट एजाज नबी खान निधि अग्रवाल राजकुमार यादव महेंद्र सिंह मलवत आदि के निवास पर जा कर वहां के एसटीएफ से संपर्क किया था इन सभी का सुझाव था की इस डिस्पेंसरी को क्रमोट किया जाय।