Rajnath Singh : व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू की गई 'अग्निपथ' योजना

Samachar Jagat | Saturday, 18 Jun 2022 04:09:30 PM
Rajnath Singh : Agneepath' scheme implemented after extensive deliberations

नयी दिल्ली | 'अग्निपथ' योजना को लेकर तेज होते विरोध प्रदर्शनों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिह ने शनिवार को योजना का बचाव करते हुए कहा कि इसे पूर्व सैनिकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू किया गया है। सिह ने कहा कि योजना के संबंध में राजनीतिक कारणों से ''भ्रम'' फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत भर्ती कर्मियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

सिह ने 'टीवी9' मीडिया समूह द्बारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ''यह योजना सशस्त्र बलों की भर्ती प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी। कुछ लोग इसके बारे में गलतफहमी फैला रहे हैं। हो सकता है कि लोगों में कुछ भ्रम हो, क्योंकि यह एक नयी योजना है।'' रक्षा मंत्री ने कहा कि इस योजना को पूर्व सैनिकों के साथ लगभग दो साल तक विचार-विमर्श करने के बाद लागू किया गया है और इस संबंध में आम सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा, ''हम चाहते हैं कि लोगों में देश के लिए अनुशासन और गर्व की भावना हो।'' रक्षा मंत्री ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ कुछ विरोध प्रदर्शनों के राजनीतिक कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ''राजनीति करने के लिए और भी बहुत सारे मुद्दे हैं। लेकिन हम चाहे विपक्ष में रहें या फिर सत्ता में, जो भी राजनीति करते हैं, वह देश के लिए होती है।''

रक्षा मंत्री ने कहा, ''क्या हमें देश के जवानों का मनोबल गिराना चाहिए? यह सही नहीं है।'' अग्निपथ योजना के तहत चार साल के लिए अनुबंध के आधार पर जवानों की भर्ती की जाएगी, जिसके बाद उनमें से 75 प्रतिशत को पेंशन के बिना अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। शेष 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए बरकरार रखा जाएगा। इन जवानों का चयन उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 'अग्निपथ योजना' के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को राज्य सरकारों, निजी उद्योगों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अर्धसैनिक बलों की विभिन्न नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा, ''विभिन्न सरकारी विभागों की नौकरियों में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। 'अग्निवीर' केवल सशस्त्र बलों में भर्ती होने वाले सैनिकों का नाम नहीं है। बल्कि, उन्हें भी वही गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो आज सेना के जवानों को मिल रहा है। प्रशिक्षण का समय कम हो सकता है लेकिन गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा।''

रक्षा मंत्री ने चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रत्येक 'अग्निवीर' को दिए जाने वाले 11.71 लाख रुपये के वित्तीय पैकेज का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि उन्हें नए उपक्रम शुरू करने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पड़ी, तो सरकार कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करने की सुविधा भी देगी। उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार ऐसी योजनाएं बना रही है कि चार साल की सेवा के बाद जब अग्निवीर सेवानिवृत्त हों तो उन्हें रोजगार मिले।''

चार साल का कार्यकाल पूरा करने वालों को सरकारी नौकरी की गारंटी नहीं मिलने के बारे में सिह ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करने वाले मेडिकल और इंजीनियरिग कॉलेजों के छात्रों के लिये भी सरकारी नौकरी की कोई निश्चितता नहीं होती।
सिह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारतीय सशस्त्र बल राष्ट्र के सामने आने वाली किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने गलवान घाटी में हुईं झड़पों का जिक्र करते हुए कहा, ''भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और दृढ़ संकल्प को पूरी दुनिया ने दो साल पहले देख लिया था।'' रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत, पाकिस्तान और चीन समेत हर देश के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन देश अपने गौरव और स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।

सिह ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, ''मैं यह दावा नहीं कर रहा हूं कि हमने आतंकवाद से निपटने में शत-प्रतिशत सफलता हासिल कर ली है। यह चुनौती तब तक बनी रहेगी, जब तक पड़ोसी देश इसका समर्थन करता रहेगा।'' उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार कमजोर सरकार नहीं है। जरूरत पड़ने पर हमने सर्जिकल स्ट्राइक की, जरूरत पड़ने पर (बालाकोट) हवाई हमला करने से भी नहीं हिचकिचाए।'' 



 

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