नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी और इससे अधिक क्षमता के डीजल वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध से वाहन उद्योग को आठ महीनों में करीब 4,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष विनोद दसारी ने आज यह बात कही।
उच्चतम न्यायालय ने इसी महीने ऐसे डीजल वाहनों के पंजीकरण पर रोक हटा दी है। लेकिन इन पर एक प्रतिशत का पर्यावरण उपकर लगाया गया है। वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ एक्मा के 58वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए दसारी ने कहा कि अदालतों को 'गलत सूचना’ दी गई जिसकी वजह से यह प्रतिबंध लगाया गया।
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सियाम के अध्यक्ष ने कहा, ''मीडिया में शोरगुल, अपर्याप्त अनुचित सूचना के आधार पर अदालत ने यह प्रतिबंध लगाया, जबकि ये वाहन सरकार द्वारा तय मानदंडों को पूरा करते हैं। यह पहली बार हुआ है जबकि कानून का पालन करने पर आपको 'दंडित’ किया गया है। वाहन उद्योग को इन आठ महीनों में 4,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।“
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उच्चतम न्यायालय ने 16 दिसंबर, 2015 को दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी या अधिक की इंजन क्षमता के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था। राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर शीर्ष अदालत ने यह रोक लगाई थी।
एजेंसी