अगर आप हमेशा उदास रहते हैं और खुश रहने की दवाइयां ले-लेकर थक चुके हैं तो अब आप को एक नई देसी दवाई आजमाने की जरूरत है। क्योंकि ये दवाई जरूर अपना जादू चलायेगी और ये दवा है दौड़ लगाना या रनिंग। हो सकता है आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लगे कि रनिंग कैसे आपके डिप्रेशन को कम कर सकती है, लेकिन ये सही है। क्योंकि दौड़ लगाना अपने आप में एक संपूर्ण व्यायाम है। इससे शरीर के हर हिस्से को फायदा होता है।
रोजाना दौड़ लगाने से आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है। जिससे कई बीमारियों का खतरा तो कम होता है। साथ ही इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होने से आप कम से कम बीमार होते हैं. एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग डिप्रेशन या फिर टेंशन से परेशान हैं उसके लिए रोजाना या हफ्ते में कुछ देर की दौड़ रामबाण औषधि है।
यह समझना बेहद जरूरी है कि डिप्रेशन शारीरिक बीमारी न होकर एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्येक्ति अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। कई बार तो हालात इतने गंभीर हो जाते हैं कि लोग स्वयं को ही मारने के बारे में सोचने लगते हैं. इसके कोई विशेष लक्षण तो नहीं हैं लेकिन आमतौर पर कुछ लक्षण जैसे ज्याेदा भूख लगना, उदास रहना, बिना बात के रोने लगना लोगों में देखे जाते हैं।
इसलिए ऐसे में दौड़ लगाने से व्यक्ति का ध्यान डाइवर्ट हो जाता है और नकारात्मक विचारों में कमी आती है। दौड़ लगाने से न सिर्फ शरीर मजबूत बनता है बल्किि दिमाग भी मजबूत होता है। दौड़ लगाने से हमारे शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन का स्त्रवण होता है जो दिमाग को शांत करने का काम करता है।
लेकिन इसका ये मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आप जोश में आ जाएं और कई किलोमीटर लंबी दौड़ लगाना शुरु कर दें। शुरुआत छोटी दूरी से करें फिर धीरे-धीरे अपनी क्षमता के अनुसार दूरी बढ़ाएं। क्योंकि वैज्ञानिक ये भी स्पष्ट कर चुके हैं। ऐसा करके डिप्रेशन से जंग को आसानी से जीता जा सकता है।