इन्टरनेट डेस्क। वर्तमान समय में महिलाएं मां बनने से अधिक तवज्जों अपने कैरियर को दे रही है। कैरियर को पहली प्राथमिकता देने की वजह से लगभग कामकाजी महिलाओं की मां बनने की उम्र 35 वर्ष अधिक हो गई है। पहले यह सिर्फ फिल्मी सितारों और व्यवसायिक घराने की महिलाओं तक ही सीमित था। लेकिन अब उच्च मध्यम वर्गीय कामकाजी महिलाएं भी इसको अपना रही हैं।
अधिक उम्र में मां बनने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को अधिक उम्र में मां बनने पर गर्भपात, उच्च रक्तचाप, गर्भकालीन मधुमेह और कम वजन वाले शिशुओं के जन्म का खतरा अधिक बना रहता है। साथ ही अधिक उम्र में अंडे बनने में समस्याएं भी आती है। उन्हें आईवीएफ इलाज की आवश्यकता होती है।
अधिक उम्र में मां बनने पर जहां कई समस्याएं आती है वहीं इसके कई पॉजिटीव पहलू भी सामने आए है। अधिक उम्र की महिला अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार, धैर्यवान और आत्मनिर्भर होती है। वे अधिक अनुभवी, वित्तीय रूप से सक्षम और अपने कैरियर में स्थिर भी होती है।