भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड संयंत्र से रिसी जहरीली गैस से हुए हादसे की 32वीं बरसी पर शनिवार को दिवंगतों को श्रद्घांजलि देने के लिए प्रार्थना सभा हुई। विभिन्न संगठनों ने प्रभावितों की उपेक्षा को लेकर विरोध-प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस ने भोपाल में तबाही मचाई थी, हजारों की मौत और लाखों के बीमार होने का दर्द आज भी यहां के लोगों के जेहन में है।
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बरसी के मौके पर हर वर्ष विरोध-प्रदर्शन के साथ गैस पीडि़त अपने हक का नारा बुलंद करते आ रहे हैं। शनिवार को भी बरसी के मौके पर विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। सरकार की ओर से भोपाल गैस त्रासदी की 32वीं बरसी पर शनिवार को बरकतउल्ला भवन (सेंट्रल लायब्रेरी) में सुबह साढ़े 10 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा हुई। भोपाल गैस पीडि़त महिला उद्योग संगठन भी यादगार-ए-शाहजहांनी पार्क में प्रतिज्ञा सभा का आयोजन कर रहा है।
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इसमें गैस पीडि़तों द्वारा अपने हक की लड़ाई जारी रखने की प्रतिज्ञा की जाएगी। वहीं, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फर्मेशन एण्ड एक्शन, भोपाल गैस पीडि़त महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीडि़त निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीडि़त महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों के संगठन ने विरोधस्वरूप रैली शुरू कर दी है।
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वे इस क्रम में डाव केमिकल्स और यूनियन कार्बाइड का पुतला भी जलाएंगे। भोपाल गैस पीडि़त संघर्ष सहयोग समिति द्वारा संयंत्र के सामने स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को दोषपूर्ण करार देते हुए इसका भी पुतला जलाने की बात कही है।
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