महेन्द्र सैनी
कहते हैं इंतजार का फल मीठा होता है, जितनी परेशानी आपको सहेनी पड़े सह लो,परिणाम अच्छा ही आएगा। यहां पर बात हो रही हैं नोटबंदी की। जैसे की आप जानते ही होंगे की 8 नवंबर की रात्रि 12 बजे से 500 और 1000 के नोटबंद कर दिए गए थे। उनको बैंकों में जमा करवाने की तारीख दी थी 31 दिसंबर।
जो धीरे-धीरे नजदीक आ रही हैं। सब लोग अपना अंडर ग्राउंड कालाधन बाहर निकाल रहे हैं। सरकार ने कालधन वालों के लिए कई नियम कानून लागू किए हैं, जो सारे लागू होंगे। आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद पीएम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने बयान में कहा था कि बस आप मुझे 50 दिन दो फिर देखो होता है, क्या? कुछ दिनों बाद 50 दिन पूरे होने जा रहे हैं। हर गरीब इंसान टकटकी लगाकर उन सुनहरे पलों का इंतजार कर रहा हैं, जो उनके हित में होंगे।
अब भी खाली हैं सैकड़ों के जनधन अकाउंट
अब भी कई लोगों के जनधन खातों में रुपए के नाम पर जीरो बैलेंस है, कई महानुभवों ने जनधन खातों में खूब पैसा जमा करवा दिया। जो कहते थे हमारे पास तो रुपए नहीं है। कई लोगों ने जनधन खातों को पूरा भर दिया, जो सरकार की तरफ से खुलवाएं गए थे। अब पूछो इन महानुभवों से यह पैसा कहां से निकल कर आ रहा हैं।
कई बेचारे इस आस में हैं की माननीय मोदी जी हमारे अकाउंट में पैसा जमा करवाएंगे। वो गरीब इंसान जो अपने परिवार का केवल पालन पोषण करता हैं, उनके पास हैं तो सिर्फ दो टाइम की रोटी। अब भी कई लोग ऐसे हैं जिनके पास जमा पूंजी के नाम पर 5 से 10 हजार रुपए मिल जाएंगे। ऐसे इंसान का कालेधन से क्या वास्ता?
अंडर ग्राउंड कालाधन निकल रहा हैं बाहर
देश के धनाड्य लोगों का अंडर ग्राउंड धन बाहर निकल रहा हैं, जिन्होंने बस जोड़ा है तो सिर्फ पैसा। अब ये पैसा बैंकों में आधी कीमत पर जमा हो रहा हैं। अब इनसे ये पूछा जाएं कि ये पैसा आपको कितना परेशान कर रहा हैं, तो आवाज भी बाहर नहीं निकलेगी।
अगर ये पैसा मानवता की भलाई में लगाया होता तो आज वो कालाधन नहीं बनता। वो पैसा देश के नागरिकों के काम आता हैं। अगर इनसे पूछा जाएं आखिर इतना पैसा कैसे जोड़ा? अगर जोड़ भी लिया तो अंडर ग्राउंड क्यों किया? तो इनके पास बोलने के लिए दो शब्द भी नहीं होंगे।