कितनी बार बदल सकते हैं टैक्स रिजीम? जानें न्यू और ओल्ड टैक्स सिस्टम की सही समझ, ताकि ITR भरते वक्त न हो पछतावा

epaper | Thursday, 12 Jun 2025 09:14:34 PM
How many times can you change your tax regime? Know the correct understanding of the new and old tax system so that you don't regret filing ITR

आयकर भरते समय टैक्स बचाने के लिए सही टैक्स रिजीम चुनना बहुत जरूरी हो जाता है। आज के समय में नया और पुराना टैक्स सिस्टम दोनों ऑप्शन उपलब्ध हैं, लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि क्या हम चुनी गई टैक्स रिजीम को बाद में बदल सकते हैं? और अगर हां, तो कितनी बार? आइए जानते हैं इसका पूरा जवाब।

 ITR फाइल करते वक्त बदल सकते हैं टैक्स रिजीम

अगर आपने फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत में अपने एचआर (HR) को किसी एक टैक्स रिजीम (नई या पुरानी) के बारे में सूचित कर दिया था, तब भी आप ITR फाइल करते समय उसे बदल सकते हैं। यानी यदि आपने अप्रैल में पुरानी रिजीम चुनी थी और अब नई में फायदा नजर आ रहा है, तो आप ITR भरते वक्त नई टैक्स रिजीम अपना सकते हैं।

सैलरीड कर्मचारी हैं? तो राहत ही राहत

वित्त वर्ष 2023-24 से नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट माना गया है। यानी यदि आप कोई विकल्प नहीं चुनते हैं, तो माना जाएगा कि आप नई टैक्स व्यवस्था के तहत ITR फाइल कर रहे हैं।

लेकिन राहत की बात यह है कि सैलरीड टैक्सपेयर्स हर साल अपनी मर्जी से टैक्स रिजीम बदल सकते हैं। मतलब एक साल पुरानी रिजीम में रहें और अगला साल नई रिजीम में जाएं, कोई दिक्कत नहीं।

 बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वालों के लिए सख्त नियम

अगर आपकी इनकम बिजनेस या फ्रीलांसिंग से है, तो आपके लिए नियम थोड़े अलग हैं। ऐसे टैक्सपेयर्स सिर्फ एक बार पुरानी टैक्स रिजीम में जा सकते हैं।
अगर एक बार वापस नई रिजीम में आ गए, तो फिर पुरानी रिजीम में दोबारा लौटने की अनुमति नहीं होती, जब तक आपकी प्रोफेशनल इनकम पूरी तरह बंद न हो जाए।

 एम्प्लॉयर द्वारा टैक्स कट चुका हो तो?

अगर आपने पहले ही रिजीम बताई थी और एम्प्लॉयर ने उसी के अनुसार TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) काट लिया है, तब भी आप ITR भरते समय अपना विकल्प बदल सकते हैं।

  • अगर नया रिजीम ज्यादा फायदेमंद हो और TDS अधिक कट चुका हो, तो रिफंड मिल जाएगा।

  • लेकिन अगर आपकी पसंदीदा रिजीम में टैक्स ज्यादा बनता है और TDS कम कटा है, तो बकाया टैक्स और उस पर ब्याज चुकाना पड़ेगा।

फॉर्म 16 और ITR में हो सकता है अंतर

हो सकता है कि आपका फॉर्म 16 एम्प्लॉयर ने पुरानी रिजीम के अनुसार बनाया हो, लेकिन आपने नई चुनी हो। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग आपसे वेरिफिकेशन के लिए कुछ डॉक्यूमेंट्स मांग सकता है।
इसलिए सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें।

रिजीम बदलने से पहले क्या करें?

  1. दोनों टैक्स रिजीम में अपनी इनकम और टैक्स कैलकुलेट करें।

  2. जहां टैक्स कम बनता है, वही रिजीम चुनें।

  3. सिस्टम खुद ही आपके TDS को एडजस्ट कर देगा और रिफंड या बकाया दिखा देगा।

सैलरीड कर्मचारियों के लिए टैक्स रिजीम हर साल बदली जा सकती है।
बिजनेस या फ्रीलांस इनकम वालों को सोच-समझकर एक बार ही बदलने का मौका मिलता है।

इसलिए टैक्स रिजीम चुनने से पहले थोड़ा गणित लगाएं, फायदे-नुकसान समझें और फिर ITR फाइल करें—ताकि टैक्स भी बचे और फॉर्म भी सही भरें।

 



 


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