रांची/दुमका : झारखंड के दुमका जिले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि एक व्यक्ति ने 12वीं कक्षा की जिस छात्रा को आग लगायी थी वह नाबालिग थी तथा उसने पोक्सो कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की।
समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं कक्षा के अंकपत्र के अनुसार उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी और वह बालिग नहीं थी जैसा कि पुलिस ने दावा किया। दुमका सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने 'पीटीआई-भाषा’ से कहा, ''हम सिफारिश करते हैं कि प्राथमिकी में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून की धाराएं भी जोड़ी जाए क्योंकि हमारी जांच के मुताबिक लड़की नाबालिग थी।’’ गौरतलब है कि यह घटना 23 अगस्त की है जब आरोपी शाहरुख ने नाबालिग पर उसके कमरे की खिड़की के बाहर से कथित तौर पेट्रोल छिड़का तथा उसे आग लगा दी। घटना के वक्त वह सो रही थी।