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जयपुर। झालावाड़ हादसे के बाद से ही प्रदेश की भजनलाल सरकार ने स्कूलों को लेकर बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर भी इस संबंध में विशेष रूप से सक्रिय हो गए हैं।
झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र में स्कूल की छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे को लेकर रविवार को मदन दिलावर ने अपने दोनों विभागों के उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसको लेकर किए जाने वाले उपायों पर बैठक में विचार किया गया तथा भविष्य की योजना बनाने के निर्देश दिए गए।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर इस संबंध में बताया कि प्रदेश के सभी स्कूलों का जिला कलेक्टर के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में जो विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में पाए जाएंगे, उन पर लाल रंग से क्रॉस का निशान लगाकर उन्हें बंद किया जाएगा।
जर्जर पाए गए भवनों को प्राथमिकता के आधार पर गिराया जाएगा तथा वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए कंटेनर लगाकर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। आवश्यकता अनुसार नए भवनों में भी कंटेनर कक्षा लगाने का विचार किया जाएगा।
आपदा प्रबंधन कोष से बरसात की विभीषिका को देखते हुए 170 तहसीलों के 7500 स्कूलों में मरम्मत हेतु डेढ़ सौ करोड़ रुपए के प्रस्ताव स्वीकृत किए जाएंगे ताकि क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत कर उन्हें सुरक्षित बनाया जा सके। वहीं उन्होंने बताया कि स्कूल भवन के निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए समग्र शिक्षा में एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा तथा जिलों में होने वाले निर्माण की गुणवत्ता की जांच पीडब्ल्यूडी के गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं से कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
जर्जर भवनों तथा मरम्मत योग्य भवनों का जीआईएस आधारित एप बनाया जाएगा
मदन दिलावर ने कहा कि सर्वे के अनुसार सभी जर्जर भवनों तथा मरम्मत योग्य भवनों का जीआईएस आधारित एप बनाया जाएगा। जिसे शाला दर्पण से लिंक किया जाएगा तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जिससे भवन की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बजट प्रावधान किए जाएंगे।
PC: mttvindia
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