प्योंगयांग | उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन की बहन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार दक्षिण कोरियाई सरकार की ''दुस्साहसिक पहल’’ को कदापि स्वीकार नहीं करेगा, जो प्योंगयांग के परमाणु निरस्त्रीकरण कदम उठाने के बदले में अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार करना चाहता है। उत्तर कोरियाई सरकारी मीडिया योनहाप समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि किम यो-जोंग ने यूं सुक-योल प्रशासन की योजना को पूरी तरह से बेतुका बताकर खारिज कर दिया और इसे पूर्व रूढिवादी ली म्युंग-बक सरकार के ष्टिकोण की ही एक प्रतिलिपि करार दिया। उन्होंने इसे ''विजन 3000: परमाणु निरस्त्रीकरण और उद्घाटन’’ कहा। जो एक दशक से भी अधिक समय पहले विफल रही और अब समाप्त हो गयी है।
उन्होंने कहा कि उस ष्टिकोण का उद्देश्य व्यापक सहायता के माध्यम से उत्तर कोरिया की प्रति व्यक्ति आय को एक दशक में 3,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने में मदद करना था। यदि उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटता है और अपनी सीमाओं को खोलता है तो।उत्तर कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी ( केसीएनए) के मुताबिक किम ने अपने बयान में प्योंगयांग के प्रति सोल की नीति का मूल्यांकन करने से पहले कहा कि हमें यह नीति पसंद नहीं है। उन्होंने दक्षिण कोरियाई नेता यूं को लताड लगायी। जिसमें कहा गया कि ''बेतुके सपने ना दिखायें। अंग्रेजी भाषा के बयान में प्योंगयांग के प्रति सियोल की नीति का मूल्यांकन करने से पहले किम ने यूं को यह कहते हुए हम पसंद नहीं करते नाम से भी लताड़ा,