अगर आप राजस्थान घूमने जा रहे हैं तो मेड़तनी की बावड़ी घूमना आपको एक अलग एहसास देगा। राजस्थान के झुंझुनू में स्थित मेड़तनी की बावड़ी प्राचीन, सुन्दर और कलात्मक है। इस विशाल एवं वास्तुकला की दृष्टि से संपन्न व अनुपम बावड़ी का निर्माण झुंझुनू के हिन्दू शासक शार्दुल सिंह शेखावत की रानी मेड़तनी जी ने सन 1783 ई० मे करवाया था।
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जिस कारण इसे मेड़तनी की बावड़ी के नाम से जाना जाता हैं। इस बावड़ी के निर्माण में उस समय लगभग 70 हज़ार रूपए खर्च हुए थे। इसके एक तरफ कलात्मक कुआ है तो दूसरी ओर मुख्य द्वार से जल स्तर तक जाने के लिए सैकड़ों सीढ़ियां बनी हुई हैं। बावड़ी लगभग 150 फीट गहरी तथा तीन विशाल खंडो में निर्मित है। इसके अंदर दोनों तरफ कलात्मक सीढियां, झरोखे और बरामदे बने हुए है।
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जो जलग्रहण और स्नानादि के बाद आराम के लिए बनाए गए थे। कहा जाता है कि बावड़ी में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाते थे। पुराने ज़माने में इस बावड़ी का बड़ा महत्व था। जब राहगीर बिना रस्सी और बाल्टी के अपनी प्यास बुझाया करता था। इस बावड़ी से बैलों द्वारा खेतों की सिंचाई भी की जाती थी। वर्तमान में प्राचीन ऐतिहासिक यह बावड़ी पर्यटन की दृष्टि से झुंझुनू का प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
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