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इंटरनेट डेस्क। Indusland Bank नेहाल में अपने माइक्रोफाइनेंस ऑपरेशन में एक बड़ा खुलासा किया है। बताया गया है की आंतरिक धोखाधड़ी का नतीजा है जिसके कारण लगभग 172 करोड रुपए की रकम को गलत तरीके से दिखाया गया है। बता दे कि यह 2024 25 की तिमाही में दर्ज किया गया था और इस धोखे की परत तब खुली जब बैंक ने इंटरनल ऑडिटिंग के साथ बाहरी प्रोफेशनल एजेंसी को मिलाकर जांच करवाई। इस संबंध में बैंक के एक्सचेंज फीलिंग में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार 20 में 2025 को सोप गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 31 दिसंबर 2024 तक की तिमाही में गलत तरीके से लगभग 172 करोड़ की फीस को इनकम के रूप में दिखाया गया।
18 सालों में पहली बार तिमाही घाट
बता दे की बैंक ने इस संबंध में और जानकारी देते हुए बताया कि यह 18 वर्षों में पहला मौका है जब उन्हें तिमाही घाटे का सामना करना पड़ा है। बैंक को इसके पीछे यह भी संदेह है की धोखाधड़ी में बैंक ही कुछ कर्मचारियों की संलिप्त हैं जिन्होंने जानबूझकर अकाउंटिंग में गड़बड़ी की है। हालांकि फिलहाल बैंक में किसी का भी नाम नहीं लिया है और उनका कहना है कि जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसे जनता के सामने जरूर रखा जाएगा।
पहले भी आ चुके हैं घोटाले सामने, इस्तीफे का दौर...
पता नहीं किसकी पहले मार्च 2025 में भी इंडसइंड बैंक में अपना डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग लेप्स की बात को स्वीकार किया था। इस वित्तीय संकट के बाद अब इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद बैंक में एक एग्जीक्यूटिव कमिटी का गठन किया है जो तब तक बैंक के ऑपरेशन संभालेगा जब तक नया एमडी और सीईओ पदभार संभाल नहीं देता।
PC : navjivanindia.com