एंटरटेनमेंट डेस्क। अपनी अदाकारी और राजनीतिक झुकाव को लेकर पहचान बनाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने अपने बयान '1947 में भीख में मिली आजादी' को डिफेंड किया है। 'भीख में मिली आजादी' वाले बयान को लेकर लगातार सुर्खियों में रही एक्ट्रेस कंगना ने आज शनिवार को एक बयान में कहा कि अगर वह गलत साबित होती हैं तो पद्मश्री अवॉर्ड लौटा देंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अपने बेहतरीन अभिनय के दम पर चार-चार नेशनल अवॉर्ड हासिल कर चुकी अभिनेत्री कंगना रनौत ने आज मीडिया से बातचीत में अपने '1947 में भीख में मिली आजादी' वाले बयान का बचाव किया है। अभिनेत्री ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर इंस्टा स्टोरीज में एक किताब के कुछ अंश शेयर किये हैं। किताब का नाम ‘जस्ट टू सेट द रिकॉर्ड्स स्ट्रेट’ है।
बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत ने इसमें लिखा है कि 1857 में आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। जिसमें सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जैसे वीरों ने हिस्सा लिया था। लेकिन 1947 में आजादी के लिए कौन सा युद्ध लड़ा गया था? मुझे तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर कोई मुझे इस बारे में जानकारी दे दे तो मैं माफी तो मांगूंगी ही इसके साथ ही अपना पद्मश्री भी लौटा दूंगी। मैं इसके लिये तैयार हूं।