गोरक्ष पीठ ने धर्म और राष्ट्र के लिए शस्त्र व शास्त्र दोनों का इस्तेमाल किया : Yogi Adityanath

Samachar Jagat | Wednesday, 14 Sep 2022 09:34:24 AM
Goraksha Peeth used both weapons and scriptures for religion and nation: Yogi Adityanath

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) |  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरक्ष पीठ को सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों को प्रतिबिबित करने वाली पीठ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि इस पीठ ने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों का ही इस्तेमाल किया है। मुख्यमंत्री ने महंत दिग्विजय नाथ की 53वीं पुण्यतिथि के मौके पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ’’गोरक्ष पीठ सनातन धर्म के मूल्यों और आदर्शों को प्रतिबिबित करती है और इस पीठ ने धर्म तथा राष्ट्र की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों का प्रयोग किया है।’’ उन्होंने कहा, ’’गोरक्ष पीठ से जुड़े सभी सम्मानित संतो ने शिक्षा स्वास्थ्य और सेवा के क्षेत्रों में योगदान करते हुए खुद को जन सेवा के प्रति समर्पित किया है।’’

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ’’सन 1857 में गोरक्ष पीठ के महंत गोपाल नाथ जी को क्रांतिकारियों को शरण देने के आरोप में अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था। साधु संत जरूरत पड़ने पर सनातन धर्म की रक्षा के लिए हमेशा आगे आए हैं और यह उनकी परंपरा रही है कि जब भी धर्म पर आंच आई है तो उन्होंने शस्त्र और शास्त्र दोनों का ही प्रयोग किया है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन हिदू धर्म हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है जब उसके नागरिक अपनी परंपराओं के प्रति सम्मान की भावना रखते हैं। आज हमारे युवाओं को अपनी समृद्ध विरासत के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।

उन्होंने भारत की वैदिक परंपराओं को फिर से स्थापित करने की जरूरत पर भी जोर दिया। मुख्यमंत्री ने नैमिषारण्य धाम का जिक्र करते हुए कहा ’’नैमिषारण्य हमारी वैदिक परंपरा की धरती है। हालांकि हमारे नौजवान इससे अनजान हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारी पुरानी गुरुकुल की परंपरा को पुनर्स्थापित करेगी।’’ उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन हजारों सालों से होता आ रहा है। पहले यह कुप्रबंधन और अव्यवस्था का पर्याय हुआ करता था, मगर वर्ष 2019 में हुए कुंभ मेले ने नए मानक और कीर्तिमान स्थापित किए।



 

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