नई दिल्ली। कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर 22 नवंबर को एक जवान के शव को क्षत-विक्षत करने के मामले में सेना को नाइट विजन डिवाइस मिला है जिसमें अमेरिकी सरकारी संपत्ति की मुहर लगी हुई है। इससे माछिल की घटना में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का स्पष्ट संकेत मिलता है। उल्लेखनीय है कि 22 नवंबर को माछिल सेक्टर में गश्त लगा रही टुकड़ी पर घुसपैठियों ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें तीन जवान मारे गए और इनमें से एक जवान प्रभु सिंह के शव को क्षत-विक्षत किया गया था।
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, यह पहला मौका नहीं है, जब अमेरिकी सरकारी संपत्ति की मुहर लगे इस प्रकार के उपकरण कश्मीर में सेना को आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के दौरान मिले हैं। माछिल सेक्टर में तैनात अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल इस क्षेत्र में मुठभेड़ में चार आतंवादियों को धराशायी करने के बाद उनके दल को इस प्रकार के उपकरण मिले थे।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, नाइट विजन डिवाइस के अलावा ऐसे कई संकेत मिलते हैं, जिनसे पता चलता है कि इस घटना को अंजाम देने में पाकिस्तान की सेना का सीधा हाथ था। हमले के बाद माछिल से बरामद हुए एक मेडिकल गेज में पाकिस्तान रक्षा बल का चिह्न भी बना हुआ है, जबकि दवाओं में लाहौर, कराची और मुल्तान के नाम का मार्का मिला है।