जोधपुर। अरबों की अकूत संपत्ती के मालिक और नाबालिग के साथ यौन दुराचार के आरोप में जेल में बंद आसाराम मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय पर झल्ला गए।
मामले में मंगलवार को जोधपुर जिला एवं सेशन न्यायालय में सुनवाई हुई। आसाराम ने कोर्ट में पेश होते हुए मीडिया के नोटबंदी के सवाल पर कहा कि यह फैसला किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए बुरा है। एक अनुमान के मुताबिक 2300 करोड़ रुपए के मालिक आसाराम आखिर इस सवाल पर झल्ला गए और वो अपना दर्द छुपाना चाहते थे। कहीं ना कहीं आसाराम को भी नोटबंदी का दर्द तो है ही, तभी वे कोर्ट में दाखिल होते-होते कह ही गए कि इस फैसले को देखने वाली जनता है, वो ही फैसला करेगी।
आसाराम को काफी लंबे समय बाद कोर्ट में पेश किया गया था। मामले में आसाराम की ओर से बचाव में पहली गवाह नेहा की गवाही हुई। लंबे समय बाद आसाराम के कोर्ट में पेश होने के कारण उनके समर्थक भारी संख्या में कोर्ट आए थे, जिसको देखते हुए पुलिस ने भी अपने पुख्ता इंतजाम पहले कर रखे थे।
आपको बता दें कि 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने आयकर विभाग की जांच का हवाला देते हुए लिखा था कि आसाराम बापू के पास 2300 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति है। अख़बार के मुताबिक़ इसी आधार पर आयकर विभाग ने सिफ़ारिश की है कि आसाराम बापू के चैरिटीबल संस्थानों को टैक्स में दी जाने वाली राहत को बंद किया जाए।