Birthday Special: उदित नारायण को पार्श्वगायक बनने के लिए करना पड़ा संघर्ष, इस गाने से मिली पहचान

Hanuman | Monday, 01 Dec 2025 12:46:44 PM
Birthday Special: Udit Narayan had to struggle to become a playback singer, got recognition from this song

इंटरनेट डेस्क। बॉलीवुड के जानेमाने पार्श्वगायक उदित नारायण का आज जन्मदिन है। आज 70 वर्ष के हो चुके उदित नारायण का जन्म आज ही के दिन यानी एक दिसंबर 1955 को हुआ था। बचपन के दिनों से ही उनका रुझान संगीत में होने के कारण वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे।  उदित नारायण को गायक के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत नेपाल में आकाशवाणी से करने का मौका मिला।

लगभग आठ वर्ष तक नेपाल के आकाशवाणी मंच से जुड़े रहने के बाद उन्होंने साल 1978 में उन्होंने मुंबई का रुख किया। यहां पर भारतीय विद्या मंदिर में स्कॉलरशिप हासिल कर शास्त्रीय संगीत की शिक्षा हासिल की। इसके बाद साल 1980 में उदित नारायण को मशहूर संगीतकार राजेश रोशन ने अपनी फिल्म 'उन्नीस बीस' में पार्श्वगायक के रूप में उन्हें काम करने का मौका दिया।

भले ये फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गई हो, लेकिन उदित नारायण को अपने आदर्श मोहम्मद रफी के साथ पार्श्वगायन का मौका मिला। मुंबई में  पार्श्वगायक बनने के लिए संघर्ष के बीच उदित नारायण ने 'गहरा जख्म', 'बड़े दिल वाला', 'तन बदन', 'अपना भी कोई होता' और 'पत्तों की बाजी' जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में  अपनी आवाज दी। 

तीन बार जीत चुके है राष्ट्रीय पुरस्कार
इसके बाद उन्हें साल 1988 में नासिर हुसैन की आमिर खान अभिनीत फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में  गाने का मौका मिला। फिल्म के गीत "पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा" की सफलता के बाद उदित नारायण गायक ने बॉलीवुड में अपनी विशेष पहचान बनाई। इसके बाद उन्हें राम अवतार,त्रिदेव ,महासंग्राम ,दिल ,सौगंध,फूल और कांटे जैसी बड़े बजट की फिल्में अपनी आज देने का मौका मिला। वह अपने गाए गीतो के लिए तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार और पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार जीतने में सफल रहे हैं। 

PC: ndtv
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