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इनकम टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए फॉर्म 13 जारी किया है, जिसके माध्यम से करदाता कम या शून्य TDS दर के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए है, जो अतिरिक्त TDS कटौती से बचना चाहते हैं और बाद में टैक्स रिफंड का दावा करने की परेशानी से भी बचना चाहते हैं। जानें कैसे करें आवेदन…
TDS कटौती फॉर्म 13:
इनकम टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए फॉर्म 13 (TDS) जारी किया है, जिसके माध्यम से करदाता कम या शून्य TDS दर के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए है, खासकर वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए, जो अतिरिक्त TDS कटौती से बचना चाहते हैं और बाद में टैक्स रिफंड का दावा करने से बचना चाहते हैं। आइए जानें इसे कैसे भरा जाए?
इसके साथ ही विभाग ने फॉर्म 15E भी जारी किया है, जिसे भारतीय निवासी भर सकते हैं यदि वे गैर-निवासियों को भुगतान करते समय कम TDS कटौती चाहते हैं।
फॉर्म 13 और फॉर्म 15E भरने की आखिरी तारीख:
इनकम टैक्स विभाग के TRACES पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, इन दोनों फॉर्म्स को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उपलब्ध करवा दिया गया है। हालांकि, वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इन फॉर्म्स को केवल 15 मार्च 2025 तक भरा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि यदि आपको FY 2024-25 के लिए कम TDS कटौती का प्रमाण पत्र चाहिए, तो आपके पास केवल दो सप्ताह का समय है।
फॉर्म 13 कैसे भरें?
फॉर्म 13 तभी भरा जा सकता है जब आपकी आय कुछ विशिष्ट श्रेणियों में आती हो। आपके द्वारा चुकाए जाने वाले कुल टैक्स की राशि आपके नियोक्ता द्वारा काटे जा रहे TDS से कम होनी चाहिए। अगर यह शर्त पूरी होती है, तो आप फॉर्म 13 के लिए आवेदन कर सकते हैं। फॉर्म 13 के आवेदन से आप अतिरिक्त TDS कटौती से बच सकते हैं, जिसका मतलब है कि आपको अपनी आय से अधिक टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा।
फॉर्म 13 भरने की प्रक्रिया:
फॉर्म 13 भरने के बाद, इनकम टैक्स विभाग एक प्रमाण पत्र जारी करेगा जिसमें आपकी आय पर लागू सही TDS दर बताई जाएगी। यह प्रमाण पत्र अपने नियोक्ता, बैंक या ग्राहक को सौंपें, ताकि वे सिर्फ सही दर पर TDS काटें और आपको बाद में टैक्स रिफंड का दावा न करना पड़े।
कौन सी आय के लिए फॉर्म 13 भरने की पात्रता है?
नीचे दी गई तालिका में जिन आय श्रेणियों के तहत करदाता आते हैं, वे फॉर्म 13 के लिए आवेदन कर सकते हैं:
सेक्शन |
आय के प्रकार |
192 |
वेतन |
193 |
प्रतिभूतियों पर ब्याज |
194 |
लाभांश |
194A |
अन्य ब्याज आय (प्रतिभूतियों को छोड़कर) |
194C |
ठेकेदार की आय |
194D |
बीमा कमीशन |
194G |
लॉटरी पर कमीशन, पुरस्कार या पारितोषिक |
194H |
कमीशन या ब्रोकरिज |
194I |
किराया |
194J |
तकनीकी या पेशेवर सेवाओं के लिए शुल्क |
194LA |
अचल संपत्ति के अधिग्रहण पर मुआवजा |
194LBB |
निवेश निधियों से आय |
194LBC |
सिक्योरिटाइजेशन ट्रस्ट से आय |
195 |
गैर-निवासियों की आय |
यह तरीका आपको अतिरिक्त TDS से बचने में मदद करेगा, ताकि आपको बाद में टैक्स रिफंड का दावा न करना पड़े।